9 से ज्यादा वर्ल्ड रिकॉर्ड दुनिया का नंबर 1 यूट्यूब चैंनले चलाने वाले जिन्होंने साधु जीवन से खुद को उठा कर बिज़नेस का टाकून बनाया जिनका नाम हैं ! dr vivek bindra
आज साधू जीवन उठकर अपने आप को बिज़नेस टाकून बनाने तक का सफर और ये जो जर्नी क्या वो इतना आसान थी.
क्या इतने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के बाद क्या सैकड़ो वर्ल्ड रिकॉर्ड जीतने के बाद पन्द्र सौव से ज्यादा कंपनी को ट्रेनिंग देने के बाद.
आज इंडिया का नंबर 1 .बड़ा बिज़नेस कॉम खुद की कम्पनी खड़ा करने के बाद सैकड़ों अवॉर्ड रेकगनिज़शन साथ साथ अपना नाम बढ़ने के बाद क्या वो जर्नी उनके लिए इतना आसान नहीं थी क्या यहाँ तक पहुचना उनके लिए इतना आसान रहा था !
आज वो अनसुनी घटनाये अनसुनी कहानिया जिन्होंने Vivek Bindra जी को विवेक बिन्द्र बनाया बिज़नेस टाकून बनाया आज आप इस आर्टिकल के अंदर सारी की सारी कहानियाँ जानने को मिलेगा !
इसीलिए इस आर्टिकल को end तक जरूर पढ़े अगर आप जानना चाहते है. डॉ विवेक बिंद्रा की 6 अनसुनी कहानियो के बारे में !
Dr Vivek Bindra Biography in hindi डॉ विवेक बिंद्रा जीवन परिचय –
महेज दाई साल के अंदर उनके पिता जी का देहांत हो माता जी की किसी और से शादी हो गई बचपन में जब पड़ोसियों के बच्चो के साथ खेलने जाते थे क्या ऑन्टी मुझे राहुल मुझे अंकित के साथ खेलना है तो उनके पिता उनको भगा दिया करते थे !
की हमारा बच्चे तुझ जैसे बचे के साथ खेलेगा तो वो बिगड़ जायेगा ये बच्चे के लिए इतना क्रिटिसिज्म झेलना इस छोटी सी उम्र के अंदर अगर हमेशे भी आज छोटी बात बोलता है तो दिल में चुभ जाती है !
एक बच्चे के लिए बच्पन से इतना क्रिटिसिज्म इतना भेदभाव झेलने के बाद वो बच्चा कितना आज अपने आप को मजबूत बना पाया होगा उस ऐज के अंदर जिस age के उसके माता पिता ही सबसे बड़ी नीव होती है !
आगे बढ़ने के लिए उस ऐज के अंदर उसको इतना बड़ा क्रिटिसिज्म झेलना पड़ा पिता जी का देहांत हो गया माता जी की शादी किसी और से हो गया बचपन से ही अपने दादा जी के साथ अपने चाचा जी के साथ अनपे ताऊ के साथ कभी हॉस्टल में कभी किसी पारिवारिक रिलेटिव के साथ रहने के बावजूद खुद की पढ़ाई को उन्हों ने लगातार आगे बढ़ाया !
बचपन में जब वो स्कूल कॉलेज के अंदर थे बचपन में ही ट्रैफिक सिग्लन पे जा कर के बचपन में ही वो अपने स्कूल कॉलेज की पढ़ाई का खर्चा निकालने के लिए रोड़ के किसी किनारे पर कार वाले को बाइक वाले को सड़क पर रोक कर उसको अपना डिक्शनरी जा कर बेचा करते थे. वह से कुछ थोड़ा बहुत अमाउंट इक्कठा कर. अपने पढ़ाई में री इन्वेस्ट किया करते थे !
क्यूँ की हर इंसान को बना बनाया साम्राज्य नहीं मिलता कभी किसी को खुद भी बनाना पड़ता है साम्राज्य उसको बनाने के लिए करनी पड़ती है !
विवेक बिंद्रा जी को पढ़ाई के लिए सड़क पर किताबे बेचनी पड़ी थी –
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है रोशन कुमार बिज़नेस कंसल्टैंट बड़ा बिज़नेस.कॉम
5 अप्रैल 1982 नवाबो के शहर लखनऊ बचपन से की बिंद्रा जी का स्पोर्ट्स में काफी ज्यादा इंटरस्ट था !
बचपन से ही थाई थाई बॉक्सिंग और सादे फुट बॉल में उन्हों ने अच्छे लेवल तक खेला और नेशनल लेवल तक ये खेल में पहोचे और इतने सारे मेडल जीतकर जब पर आया करते थे . बिंद्रा जी बताते है मेरे जो चाचा का लड़का था वो हमारे जो दोस्त हुआ करते उनको वो मैडल बाटा करता था तू पकड़ तू पकड़ तू भी पकड़ क्यों की इतने सारे मैडल जित कर आया करते थे.तो बहोत अच्छा उन्हों ने स्पोर्ट्स में खेला
और इसके बाद पढ़ाई काफी ज्यादा इंट्रेस्ट था और साथ ही साथ बचपन में ही बिज़नेस को लेके काफी ज्यादा सीरियस थे और बिंद्रा जी बताते है जब में स्कूल टाइम था !
कॉलेज टाइम में था उस वक्त मेरे पास इतने पैसे नहीं हुआ करते थे की मैं अपने स्कूल की फीस दे सकू अपने खर्चे चला सकू तो मै डिक्शनरी बेचा करता था !
ट्रैफिक अंदर जब ट्रैफिक लग जाया करता था तो मैजा कर कार वालो को और बाइक वालो को डिक्शनरी बेचा करता था और से कुछ पैसे मेरे पास आया करते थे तो मै अपने स्कूल और कॉलेज का खर्चा निकाला करता थे और अपने हॉस्टल का खर्चा निकला करता था.
स्कूल की पढ़ाई ख़त्म करने के बाद बिंद्रा जी का पहला बिज़नेस आईडिया =
उसके बाद जब बिंद्रा जी ने कॉलेज ख़त्म किया कॉलेज ख़त्म करने के बाद बिंद्रा जी जब एमबीएस की पढ़ाई सुरु की तो उन्होंने अपना एक खुद का बिज़नेस स्टार्ट किया जिसको ये बोलते है होमट्यूशन का बिज़नेस. होमट्यूशन उस वक्त नया नया ट्रेडिंग में था !
तो बिंद्रा जी ने सोचा अब मै इसे कैसे स्कलेप करू क्योंकी पैसा कामना था उस वक्त होम ट्यूशन नया नया कंसपेर्ट था !
होमट्यूशन के अंदर क्या होता है की एक टीचर आपके घर के अंदर आता है और आप के बच्चो को पड़ा कर चला जाता है अपनी फीस लेकर तो बिंद्रा जी ने क्या किया बिंद्रा जी नीज रिलेटिव एक केबल टीवी में काम करते थे तो उन्होंने क्या किया ऐड दे दिया एक बैनर ऐड चलने लगे.ऐड चलने के साथ – साथ एक बंदा हायर किया जो वह से आये कॉल को उठाएगा और बात करेगा और जो स्टूडेंट है से वो होमट्यूशन को फिक्स्ड करवायेगा उनके पैरेंट्स से और उसेक बाद एक एक टीचर को भेजेंगे.
लेकिन बिंद्रा जी ने ये सोचा की अगर मै खुद टीचर बन जाऊंगा तो मेरी जो सीखाने की जो लिमिट है वो लिमिटेड रहे जाएगी !
अगर मुझे साइंस में इंटरस्ट है तो मै साइंस को अच्छा पड़ा सकता हु अगर किसी को मैथ सीखनी है और किसी को इंग्लिश सीखनी है इकनोमिक में इंट्रेस्ट है तो उन बच्चो पड़ने मै क्या करूँगा क्यों की मुझे तो साइंस मे अच्छी नॉलेज है तो उन्होंने क्या किया अपने आजु -बाजु के दस बारह टीचर को पकड़ा और उनके साथ टायप कर लिया.
अब ये क्या करते थे की वहा से जैसे कॉल आई एक बन्दे ने कॉल फिक्स्ड किया और यहाँ इन्होने एक टीचर को भेज दिया और उस स्टूडेंट के घर वहा जाकर टीचर पढ़ाया करता और पढ़ा कर आया करता था तो ये स्टूडेंट से भी पैसे लिया करते थे और साथ में जो टीचर होया करता था और जिनको ये काम दिया करते थे उसे भी कमिशन लिया करते थे.
- यह था बिंद्रा जी का बिज़नेस माइंड सेट –
तो यहाँ से भी पैसे और वह से भी पैसे तो एक हिसाब से बन गया असेस्ट्स लाइट मॉडल क्या होता की आप का खर्चा काम और रेवेन्यू बढ़ जाया करता था क्योंकी बिंद्रा जी को पता था की अगर मै क्लास्से लूंगा तो मुझे पहले ऑफिस लूंगा तो उसके लिए बहोत पैसा चाहिए फिर मुझे बहोत सारे टेबल और कुर्सियां बहोत सरे फर्नीचर पीपीटी चलने के लिए बहोत सारे एक़ु इंटरनेटलेना पड़ेगा तो मैं इतने पैसा लगाना नहीं चाहूंगा !
तो मै होमट्यूशन का कंसपेर्ट लांच करता हु हुआ और इनका होमैटूइशन का कंसपेर्ट चल भी पड़ा काफी लम्बे समय था इन्होने बहोत अच्छा पैसा कमाया बहोत अच्छी सेविंग करी और पढ़ाई बहोत सारा पैसा इंवेट्स किया !
लेकिन जब इनका लन्दन बिज़नेस स्कूल के अंदर इनकी मैनजमेंट की पढ़ाई का सिलेक्शन हो गया तो उस वक्त इनको काफी ज्यादा पैसे की नीड हुई बहोत ज्यादा पैसा लाखो रूपये नीड तो उस वक्त इनके पास उतने पैसे नहीं हुआ करते थे और ट्यूशन बिज़नेस कुल हजारो में इनकम आया करती थी !
क्योंकी टीचर को भी देना होता पड़ता था और खुद के भी खर्चे चलने पड़ते थे और साथ ही साथ जो कालिंग के लिए जो बाँदा रखा हुआ था उसे भी पैसे देना पड़ता था तो पैसा काफी काम बचते थे लेकिन खर्चा पानी चल जाया करता था पढ़ाई का लेकिन जब लंदन बिज़नेस स्कूल के अंदर इनका अड्मिशन हुआ इनका सिलेक्शन हुआ तो उस वक्त इनको मनज़मेंएट पढ़ाई के लिए बहार जाना था तो वक्त इनके पास उतने पैसे थे नहीं.
- विवेक बिंद्रा जी के जीवन के सबसे बुरे दिन –
तो न तो कोई रेलवटिवेस हेल्प करने वाले थे ना इनका कोई परिवार था माता पिता इनको छोड़ कर जा चुके थे पिता जी का देहात होया और माता जी की शादी किसी और से हो गई और किसी बैंक से जाकर लोन ले नहीं सकते क्योंकी लोन के लिए आप को गारंटर चाहिए डॉक्यूमेंट चाहिए जो की इनके पास थे नहीं
जो जब ये मैनजमेंट की पढ़ाई करने नहीं जा सके बहोत मसक्कत की बहोत मेहनत की लेकिन इतने पैसे जुटा बहोत मुश्किल था काम पैसा होता कुछ लाख रुपये एक दो लाख तो जुटा लेते !
इतना बड़ा पैसा क्यों की मैनजमेंट पढ़ाई और लंदन बिज़नेस स्कूल के अंदर तो बहोत ज्यादा वह पर पैसा चाहिए तो पैसा इनके पास था नहीं तो पैसा न होने के कारन इनको वहा जाने का मौका नहीं मिला और बहोत ज्यादा उदास थे और बहोत ज्यादा तनाव में जा चुके थे !
लेकिन फिर भी इन्होने जो स्पोर्ट्स से जो सीखा था की स्पोर्ट्स एक बार हम जीतकर एक बार हर कर जब दुबारा खड़े होते है तो दुबारा हम जीते है तो वह से हम स्टेट मिलती है दुबारा हम कवरप हुये है !
डॉ विवेक बिंद्रा जी ने सन्यास क्यों लिए –
जब उन्होंने म बी ए की पढ़ाई खतम की म बी ए की पढ़ाई ख़तम करने के बाद जब उन्होंने देखा की आस पास न तो उनके पिता जी है न तो माता जी उनके साथ है और नाही इनके कोई सगे भाई बहन साथ थे नहीं कोई इनके रिश्तेदार थे !
जिनके साथ आगे के जीवन जी सके तो जब इन्होने आप पास देखा कोई नहीं दिखा तो इनहोने भगवान के सारण में जाने का निर्णय लिया !
और फि ये जाकर ickon में उन्होंने वह जा कर सन्यासी का रूप धारण कर लिया वह जाते ही चांटिन करते सुबह उठे भजन – कीर्तन करते भिक्षा मांगते मुंडन कर लिया धोती कुरर्ते में रहते उबला खाना खाते लोगो की जा के सेवा करते तो ये सारे कामे करने लगे तो इन्होने बिलकुल सांसत जीवन से अपने आप को अधध जीवन में दाल दिया !
और वह पर बिंद्रा जी नाम 95% लोगो को पता ही नहीं होगा की बिंद्रा की का नाम इस कॉन के अंदर वेणु माधव प्रभु था !
और वह भी इनके बहोत चर्चे है आज भी इनके ग्रुप के लीडर है जो इनके साथ के लोग है बताते है की बिंद्रा जी अकेले इतना कलेक्शन कर लिया करते थे की एकेले फंडिंग को एक्सट्रेक्ट कर लिया करते थे पूरा ग्रुप भी उतना कर नहीं पता !
क्यों की इनका कन्वेक्शन पावर इनकी बिज़नेस का नॉलेज और भगवतगीता का पाठ करने अंदर इन्होने इतने सारे चीजों को सीखी की तो इसके बाद इनका दिमाग इतना सार्प हो गया की इंद्रियों में कन्ट्रोल कर लिया ब्रहम चारि जीवन जीने लगे इंद्रियों में इतना ज्यादा कंट्रोल आ जाता है की आप के सेन्सस को इतना जाता आप कंट्रोल में लेके आ जाते है !
की आप किसी को बात करके कन्वेंशन कर सकते है क्यों की मैं भी एक बार मैं गया था दिल्ली के अंदर तो मैंने भी वह एक महीना बिताया और इस कॉन में रहा मैंने भजन कीर्तन चैटिंग ये सारी चीजे मैंने भी वहा की इतना ज्यादा कन्ट्रोल मेरे माइंड के ऊपर आये इतना ज्यादा क्षमता आई अपने आप को काफी ज्यादा कन्ट्रोल करने लगा !
और बहोत तेजी एक साथ अपने माइंड शार्प करता रहा क्यों की इतने तेज बचपन से इतने शार्प की किसी को भी बात करके कन्ट्रोल करने की क्षमता आ चुकी थी और अच्छा वहा भी करने लगे.
लेकिन उसके बाद जब इन्होने भगवतगीता का पाठ स्कूल में जा कर देने लगे लेक्चर जा कर देने लगे कॉर्पोरेट में जा कर ये बिज़नेस की पढ़ाई को भगवतगीता से जोड़कर सीखने लगे तो उनके गुरुओ ने देखा की ये लड़का आज आध्यात्मिक जीवन में इतना कुछ सीखा रहा है और इतना कुछ बता रहा है इतना कुछ सिख चूका है !
अगर ये सांसविक जीवन में चला जायेगा अगर ये आध्यात्मिक जीवन से निकल कर सांसविक जीवन में चला जायेगा क्या आध्यात्मिक जीवन को और सांसविक जीवन दोनों को फिक्स करके क्या लोगो को बताएगा तो बहोत अच्छा कर सकता है !
उन्होंने बुलाया वेडु माधव इधर आओ आप बैठो मेरे सामने तो उन्होंने ने कहा जी प्र्रभु बताइये उन्होंने कहा एक आदेश है क्या मानोगे उन्होंने कहा जी बताइये गुरुओ की बात माने के लिए मै कुछ भी करने के लिए तैयार हूँ !
की देखिये की आप लेक्चर बहोत अच्छा देते है आप बहोत अच्छा पड़ा लेते है आप को बिज़नेस का अच्छा नॉलेज बहोत अच्छी आप ने मैनेज़मेंट की पढ़ाई भी की है की मै चाहता हु की आप यहाँ से निकल कर सांसविक जीवन में जाये क्यों की अगर आप यहाँ से निकल कर सांसविक जीवन जायेंगे तो बहोत अच्छा लोगो को सीखा पाएंगे और बहोत अच्छा लोगो को बता पाएंगे !
क्योंकी आप की ग्रोथ संसाविक जीवन में ज्यादा हो जाएगी क्योंकी आप यहाँ पे रहोगे तो लिमिटेड लोगो को सीखा पाएंगे और मिलिटेड लोगो को बता पाएंगे लिमिटेड लोगो को शिक्षा दे पाएंगे !
लेकिन इस भगवतगीता को लेके आइये इसमें से बिज़नेस के लेशन निकालिये और लोगो को जाकर सीखना स्टार्ट की जिये लोगो को जाकर ज्ञान दीजिये तो बिंद्रा जी ने अपने गुरु जी के मुँह से निकालनी बात को दिल से लगा लिया और बहार निकल कर !
अपनी पहली कंपनी की शुरवात किए – ग्लोबल एक्ट के नाम से. –
2013 में ग्लोबल एक्ट नाम से कंपनी की शुरुआत की. ना तो इनके पास पैसा था और ना ही इनके पास टीम थी क्यों की बिज़नेस को शुरुआत करने के लिए दो चीजे चाहिए थी !
एक तो चाहिए पैसा और दूसरी टीम और दोनों ही चीजे इनके पास दोनों ही नहीं थे !
तो इन्होने क्या किया की एक सेकन्ड हैंड ऑफिस लिया और वो ऑफिस इतना ज्यादा बत्तर था की न तो वहा पर फर्नीचर अच्छा था नाही वह पर AC थी ना ही वहा पर उतना अच्छा मेन्टेन्स की सुविधा थी और बहोत सस्ता हालत में एक इन्होने ऑफिस लिया और उसे थोड़ा चमकाया.
लोगो की हायरिंग करने के लिए लोगो का इंटरव्यू लेना स्टार्ट कर दिया क्यों की लोगो को बुलाना जानते थे और लोग इनके पास आने लगे इंटरव्यू के लिए लोग वह बैठे लगे लेकिन इनके पास जब इंटरव्यू के लिए लोग आते थे आने के बाद क्या होता था !
जैसे ही ऑफिस में बैठते थे तो बिंद्रा जी क्या बोलते थे की देखिये इतना बड़ा हमारा विज़न है देश को आगे बढ़ाना चाहते है हम देश इतना बड़ा इम्पैक्ट क्रीट करेंगे ऐसा करेंगे वैसा करेंगे.
तो जो सामने वाला बैठा होता था इंटरव्यू के लिए इंटरव्यू देने वाला होता था वो देखता था की पंखा भी नहीं है कोई काम करने वाला भी नहीं है और AC भी नहीं है तो वो क्या करता था की तो ठीक है आप बताऊंगा और मुझे इंट्रेस्ट होगा तो मै आऊंगा और काम करूँगा.
अब होता क्या है की बॉस इंटरव्यू ले रहा होता है तो बॉस बोलता है की ठीक है जी हम आप को बताएँगे अगर आप का सिलेक्शन करना होगा तो हम आप को नोटिफिक्शन भेज देंगे की ठीक जी आप आइये और जॉब को अपनी ज्वाइ कीजिये और एक्सेप्ट कजिये.
और जो एम्प्लोयी यहाँ आ रहा जिसको जॉब करनी थी वो बोल रहा था की ठीक है सर मै आप को बताऊंगा क्यों की ऑफिस की हालत उतनी अच्छी नहीं थी और नहीं वह पर काम करने लोग थे तो ने सोचा की ऐसे लो मै आगे नहीं बड़पाऊंगा क्यों अगर मुझे अच्छे लोग चाहिए तो अच्छे लोग ऐसे नहीं आएंगे मै ऐसे लोगो को पकडूँगा जिनको पांच छह सात महीने का जुगाड़ चाहिए जो केवल सीखना चाहते है और करना चाहते है !
और इसके बाद जैसे ही कोई उन्हें कोई अच्छी ओप्पोर्तुनिटी मिलेगी वैसे ही वो चले जायेंगे तो बिंद्रा जी ने उनको पकड़ना स्टार्ट किया पांच छह महीने के लिए ही केवल जॉब करना चाहते थे क्यों की बिंद्रा जी को पता था की इनको दिखा कर मै छे लोगो को लेकर आऊंगा ये पांच छह महीने तक टिक गये.
तो मै इनको दिखा दिखा कर क्यों की लोग दिखने चाहिए हैं की किसी कंपनी में काम हो रहा है.
तो बिस पच्चीस लोगो को उन्होंने हायर किया ऐसे लोगो को जो पांच छह सात महीने आठ महीने तक ही काम कर सकते थे.
तो बिंद्रा जी उन लोगो को हायर किया और उनको दिखा दिखा कर अच्छे मैनपॉवर को लेकर आने लगे लेकिन लेकिन उस ऑफिस के अंदर एक सबसे बड़ी समस्या थी की उस ऑफिस में एक वाशरूम नहीं था.
बिंद्रा जी ने कहा है की अपने बिज़नेस में कोई शर्म नही होना चाहिए
लोग आने लगे काम करने लगे तो सामने ऑफिस के थोड़ा सा आगे जाके एक पब्लिक टॉयलेट था और पब्लिक टॉयलेट की आप तो हालत जान सकते हो की कैसी होती है न तो कोई उनकी रखवाली करने वाला होता है न ही कोई उनकी सफाई करने वाला होता है.
तो बिंद्रा जी ने सोचा की अगर इनको कोई अच्छा एक्सपीरिंयस नहीं दिया मैंने अपने एम्प्लोयी तो ये लोग छोड़ कर मुझे भाग जायेंगे.
अगर इनको अच्छी सुविधा नहीं दी आज ए सी पंखा उतनी सारी चीजे मेरे पास नहीं है चलो तभी ये लोग मैनेज कर रहे है लेकिन वाशरूम इनको अच्छा नहीं मिला तो छोड़ कर मुझे भाग जायेंगे और मैंने अपने लम्बे विज़न पर काम नहीं कर पाउँगा तो अच्छे लोगो को लेकर मै नहीं आ पाउँगा.
तो बिंद्रा जी ने सोचा एक स्ट्रैटेजी को फॉलो किया तो बिंद्रा की ने क्या कहा की मेरे पास वाशरूम नहीं है पब्लिक टॉयलेट है अब करू तो करू क्या तो बिंद्रा जी ने एक टाइम शेडूएल बना दिया की आप को इतने बजे ही वाशरूम जा आप कर भैया वाशरूम यूज़ कर सकते हो ये आप जाने का टाइम है.
तो बिंद्रा जी क्या करते थे चुप चाप ऑफिस बाहर निकल कर फिनाइल की बोत्तल पकड़ कर और साथ में एक बाल्टी पकड़ कर और पब्लिक टॉयलेट में जाते उसको अपने एम्प्लोये के आने से पहले उसको धोकर साफ कर दिया करते थे.
क्यों की कुछ बनने के लिए कुछ करना पड़ता है और कुछ करने के लिए कुछ करना पड़ता है.
तो बिंद्रा जी चुप चाप जा कर टॉयलेट को साफ कर दिया करते थे उसके बाद जाकर ऑफिस में बैठ जाया करते थे
जभी टाइम और लंच टाइम हुआ करता था तो एम्प्लोयी को वहा पर वाशरूम साफ और साफ सुथरा मिलता था और बिंद्रा जी काफी ज्यादा क्यूरियस थे की किसी को कोई कोई बीमारी न हो जाये और क्यों की लेडीज को बहोत सारी बीमारी हो सकती है और जेन्स को बहोत सारी बीमारी हो सकती है.
गंदे टॉयलेट की वजह से तो पहले जा कर साफ कर दिया करते थे. ऐसे इनकी जर्नी आगे बड़ी कुछ मजेदार और कुछ सीरियस कहानी
एक बार क्या हुआ बिंद्रा जी का ऑफिस चलो ठीक ठाक चलने बिंद्रा जी ने एक दूसरा और ऑफिस ले लिया लगा अच्छे लोग आने लगे अच्छा काम चलने लगा तो एक बार क्या हुआ तो बिंद्रा जी के वाशरूम के पानी की टंकी थी अब ऑफिस कही और ले लिया अब उसके बाद ऑफीस के ऊपर जो पानी की टंकी होती है !
जहा से वाशरूम में पानी अत है उसका जो नका होता है जहा पर अटैच्ड होती है टंकी वहा पर से वो लिक हो गई.अब उसमे क्या होता है पानी ज्यादा देर टिकता नहीं है टंकी भरता तो दो दो घंटे बाद ख़तम हो जाती है अब बिंद्रा जी ऑफिस आये तो देखा की वाशरूम में पानी है.
ऊपर जा कर देखा तो टंकी खाली है और वह देखा तो पाइप लिक है अब प्लम्बर को बुलाएँगे वो आएगा ठीक करेगा तो समय लग जाएगी.
तो बिंद्रा जी ने क्या किया अब ऑफिस के अंदर सारे लोग आने लगे काम करने लगे लोगो का टी टाइम होने लग गया उनका लंच टाइम तो बिंद्रा जी न क्या किया की चुप चाप छत पर गये और छत पे जो खली टंकी थी बिंद्रा जी ने चुप चाप दो बाल्टियां पकड़ी और दूसरी टंकी जो वह से थोड़ा सा दूर थी वहा जाकर टंकी का ढकन खोला वहा बाल्टी डाली और उसमे से पानी निकाल निकाल पानी डालने लगे टंकी के अंदर.अब पानी डालने लगे तो क्या हुआ पानी भर गया टंकी के अंदर अब दो घंटे का तो काम चल गया !
अब जब कोई टी ब्रेक के अंदर वाशरूम जाता था तो उसे पानी मिल जाया करता था उसके बाद लंच टमेनिंग पर भी उन्होंने ऐसा किया क्यों की अगर बिंद्रा जी ऐसा नहीं करते तो बिंद्रा की को पता है की अगर मै ऐसा नहीं करता तो अगर उनको वाशरूम मे पानी नहीं मिलता तो वो लंच टाइम में बोलते की ये कंपनी खराब है !
ये कंपनी डूबने वाली है और साथ साथ कोई और डूबते रहे ये कंपनी निकलने वाली है ये क्योंअपनी डूबने वाली है इस तरह से एम्प्लोयी जो होते है उनको सटिस्फैक्शन लेवल तक ले जाने के लिए बिंद्रा जी ने टॉयलेट साफ किया टंकी में खुद पानी भी डाला.
क्यों की संघर्ष करने से जो इंसान पीछे नहीं हटता वही एक दिन इंसान बुलंदियों पर होता है पर होवे है.
तो इस लिए जब भी संघर्ष की नाम आती है तो मै बिंद्रा जी का नाम पहले लेता हुआ क्यों की बिन्द्र जी से बहोत ज्यादा मै इंस्पायर हु.
बचपन की कहानी से लेकर अभी तक जो मैंने बताई है ये तो अभी शुरुआत है.
अभी तो आप को बहोत सारी कहानिया बताने वाला हूँ ! जो आप ने आज तक नहीं सुनी उसके बाद जो नेक्स्ट कहानी सुनाने वाला हूँ !
दूसरी सबसे दर्दनाक कहानी बिंद्रा जी की –
वो कहानी ये है की 2016 के अंदर बिंद्रा जी से बहोत बड़ी गलती हो गई गलती क्या हो गई ये कहानी और आप को बड़ा भी इंस्पायर करेगी और ये कहानी 95% लोगो को पता नहीं होगा !
और ये कहानी ये है की 2016 के अंदर ट्रेनिंग इंडस्ट्रीस के अंदर आये और अच्छा सा काम चलने लगा और बहोत सारे लोग इनको जानने लगे तो 2016 के अंदर पांच बड़ी टॉप कॉर्पोरेट कंपनी से बहोत बड़ा आर्डर मिला और लाखो करोड़ो का उन्हें आर्डर मिला और उसको काम करने के लिए बिंद्रा जी ने 100 लोगो को हाइयर किया !
अब 100 लोगो को हाइयर किया उनसे काम करवाने लगे और अचानक क्या हुआ एक दिन कंपनी से पांच के पांच कम्पनियो से मेल आते है की हम अपनी कम्पनियो के ट्रेनिंग को कैंसिल करवा रहे है हम आप के साथ काम नहीं करना चाहते है और उन्होंने ट्रेनिंग को कैंसिल कर दिया !
अब बिंद्रा जी ने उनके ही बंबूते पर उनके ही काम करवाने के लिये 100 लोगो को हाइयर कर लिया बिंद्रा जी शंकट में आ गये.
क्योंकी कंपनी में तो हड़कम मच गया एक दम से 5 प्रोजेक्ट फेल हो गए और इतना पैसा कंपनी के अंदर था नहीं की की वो 100 से भी ज्यादा लोगो को पेय कर सके तो बिंद्रा जी बड़े सदमे में थे !
और साथ ही साथ जो कंपनी थी कंपनी में बड़ा हड़कम मच गया की कंपनी डूबने वाली है कंपनी का काम ख़तम हो गया कंपनी का नाम बर्बाद हो गया अब पैसे कहा से आएंगे ये वो.
लेकिन बिंद्रा जी हमेशा अपनी सैलरी हमेश टाइम पे किया करते थे हर महीने की सात तारिक को कंपनी के जो भी एम्प्लोयी थे सब को सैलरी पेय हो जाया करती थी लेकिन 20 तारिक को जो आर्डर इनका 5 के बाद आर्डर कैंसिल हो गये बिंद्रा जी ने सोचा अभी मेरे पास 17 से 18 है !
अब मै ये 17 से 18 दिन के अंदर क्या करूँगा मुझे नहीं पता तो बिंद्रा जी ने चुप चाप अपने घर को बेच कर पैसा लिया और सात तारीक को सारे एम्प्लोयी को पैसा दिया 100 के 100 एम्प्लोयी को उसमे से कुछ एम्प्लोयी चले गये पैसा लेने के बाद लेकिन कुछ जो कर्मचारी थे उनको उन्होंने हाथ जोड़कर धन्यवाद किया की हम अभी अब और नहीं रख सकते की हमारे पास अब उतना काम नहीं है !
लेकिन बिंद्रा जी ने खुद को दुबारा से रिवील्ड किया क्यों की भगवतगीता का ज्ञान स्पोर्ट्स की जो उनकी क्षमता थी जो उन्होंने खेला था वहा से उनको दुबारा बॉउंसबैक करने की क्षमता मिली बचपन से न तो उनको कोई फैमली बैकग्राउंड था और नहीं उनके बिज़नेस से लेकर उतनी नॉलेज थी ब्रम्हचारी जीवन उन्होंने जिया था तो उनसे उतनी बड़ी गलती हो गई !
लेकिन उन्होंने दुबारा से खुद को रेवेंट किया केवल 3 महीने के अंदर दुबारा से जेकरव देकर अपनी कंपनी को नेक्स्ट लावेल लेके के गए आज भी और ३ गुना कर दिया आज भी जो बड़ा बिज़नेस.कॉम उनकी कंपनी है 300% की ओर से आगे चल बढ़ रही है.
क्योंकी किसी भी कंपनी को न हम जज नहीं कर सकते 2 से 3 महीने के अंदर हर्र एक कंपनी का फाइनेंसियल ईयर होता है की 6 महीने ख़राब गए तो जरुरी नहीं है की 6 महीने ख़राब जायेंगे बिंद्रा जी का 6 महीने ख़राब गए थे तो बिंद्रा जी ने 6 महीने के अंदर इतना काम किया की ६ महीनो के अंदर अपने पुरे साल को कवर कर दिया !
और 3 गुना ग्रोथ से आगे बड़े आज बड़ा बिज़नेस.कॉम जो उनकी नंबर 1 बिज़नेस की कंसल्टेंसी देने वाली नंबर 1 कंपनी है आज वो 300 % के ग्रोथ से आएगी बाद रही है जरुरी नहीं है की की आप एक बार फेल हो गये तो बार बार फेल होंगे हो सकता की आप दुबारा से बॉउंसबैक करके आगे बड़ा पाओ लेकिन ब्रम्हचारी जीवन को जिया भगवतगीता का ज्ञान लिया.
और स्पोर्ट्स के बहोत कुछ सीखा तो वह से उनको दुबारा रेबिल्ट करने की ताकत उनके पास आ गई.
तो इसलिए हमेशा कहते है जो इंसान संघर्ष में खुद को मजबूत बनाकर रखता है एक दिन वही दुनिया को बदलने की ताकत रखता है.
इसलिए हमेशा कहेता हु आप से कभी भी लाइफ में छोटे मोठे अगर आप के लाइफ में परेशानी आती है तो आप दुबारा से खुद को रेबिल्ट करिये और दुबारा से आगे बढाइये.
ये जो बिंद्रा जी का स्ट्रगल बता रहा हु हमारे लाइफ में तो जीरो स्ट्रगल है क्यों की इतनी स्ट्रगल कंपनी का प्रोजेक्ट छूट गया माता पिता का साथ छूट गया घरवाले कोई नहीं डिक्शनरी बेचनी पड़ी कंपनी का प्रोजेक्ट फेल होगये दूसरे बिज़नेस ख़राब हो गये अडंमिशन नहीं हुआ साथ ही साथ वो फसिलिटीएस नहीं मिल पाई जो फसिलिटीएस इनको मिलनी चाहिए थी.
तो खुद को रेबिल्ट किया और दुबारा से अपनी कंपनी को J कर्व दुबारा से आगे बढ़ाये .
तीसरी कहानी बिंद्रा जी की –
उसके बाद नेक्स्ट जो कहानी सुनना चाहता हूँ !
कहानी बड़ी जबरजस्त है ये कहानी को सुन कर आप के अंदर बहुत मोटिवेशन आएगा.
और बिंद्रा जी को मै इसलिए इतना ज्यादा पसंद करता हु की बिंद्रा की से साथ मै खुद एसोसिएट हु मै खुद इनकी इतनी रेस्पेक्ट करता हु की ये कहानी जब सुनी मैंने ये कहानी जब जनि मैंने अंदर से रोंटे खड़े हो गए !
क्यों की खुद एक इंसान आप जिससे जुड़े हुवे हो वो इंसान क्यों की खुद उसने इतनी स्ट्रगल किये हुवे है तो आप के पास कोई एक्सक्वेजनहीं होता है की आप कोई एक्सक्वेज दे सको क्यों की वो उस इंसान से अपने आप को रेबिल्ट किया जहा लोग आत्महत्या कर लेते है.
खुद को बर्बाद कर लेते है लेकिन उस इंसान ने अपने आप को टॉप लेवल का बनाया बिज़नेस टायकून बनाया !
नेक्स्ट कहानी सुरवती समय में बिंद्रा जी एक कंपनी में आर्डर मिला 5 लाख रुपये का की हम आप को 5 लाख रूपये देंगे आप हमारे जो हमारी कंपनी के शेयर्स टीम है जो उसको ट्रेनिंग दो ताकि हमारे यहाँ के और शेयर्स बढ़ जाये तो बिंद्रा जी के जो कलिक थे उन्होंने जा के बताया की हमको एक कंपनी का ट्रेनिंग का आर्डर मिला है तो बिंद्रा जी ने कहा की तो कितने लाख का मिला है.
तो उन्होंने कहा की सर 5 लाख का मिला है तो ठीक है चलो देखते है क्या होता है आगे तो बिंद्रा जी और जो उनके मैनेजर थे दोनों साथ साथ कंपनी में जो जुते बनाने वाली कंपनी थी जिसका उन्हें आर्डर इनको मिला था
तो कंपनी में जाने के बाद जो कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर थे बिंद्रा जी जा कर बात करना स्टार्ट की तो बिज़नेस के अंदर न एक फॉर्म फील करना होता है नाइस एनालिसिस नीड इंट्रेस्ट कंसर्न एक्सपेक्टेशन इन 4 पॉइंट्स में एक कंपनी के ट्रेनिंग को डेसिंग किया जाता है.
सौंपने के बारे में इनफार्मेशन ली जाती है की आप हमसे क्या एक्सपेक्ट करते है आप की क्या प्रॉब्लम है तो उसका सॉलूशन आप को कैसे दे सकते है तो बिंद्रा जी ने जब देखा तो बिंद्रा जी ने पहले क्या देखा की कंपनी अच्छा खासा परफॉर्म कर रही है की हर बार जो इनकी ग्रोथ होती है 20 से 25% तक बढ़ जाती है हर बार.
तो बिंद्रा जी ने देखा की कंपनी अच्छा खासा परफॉर्र्म कर रही है फण्ड भी है पैसा भी है तो बिंद्रा जी ने क्या किया नाइस एनालिसिस किया नीड इंट्रेस्ट कंसर्न एक्सपेक्टेशन तो बिंद्रा जी ने क्या किया सबसे पहले कंपनी को देखा प्रोडक्शन को देखा फिर उनकी टीम को देखा.
फिर उनके जो डिस्ट्रीब्यूटर्स थे उनको देखा फिर जो उनके सुप्लायर थे उनको देखा उन सबको देखने के बाद बिंद्रा जी ने कुछ प्रॉब्लम को पकड़ा की इनके सेल्स कैसे और एक्सपोनातिओन्सिअल ग्रोथ और उनकी हो सकती है तो बिंद्रा जी ने बड़े इंटेलीजेंट के साथ जो मैनेजिंग डायरेक्टर थे उनके साथ बैठे.
उन्होंने कहा सर देखो आप की कंपनी और इनकी कंपनी फॉर एक्साम्पल १०० करोड़ का बिज़नेस कर रही है और हर बार आप की कंपनी 20 से 25% की ग्रोथ कर रही है यानि की हर बार मान लीजिये की इस बार 100 करोड़ अगली है 120 करोड़ या 125 करोड़ अगर को मै ट्रेनिंग देता हुआ तो मै गॅरंटी दे सकता हु की आज आप की ग्रोथ 20 से 25% हो रही है कंपनी हम 30% इसको और बड़ा देंगे.
मन लीजिये आप की कंपनी इस बार किया 100 करोड़ तो अगले 1 से 2 महीने के बाद 100 एंड 1% 30% का बिज़नेस एक्स्ट्रा करेगी.
और मै गॅरंटी के साथ बोलता हु तो मैनेजिंग बोलै तो वो कैसे करोगे तो बिंद्रा जी ने कहा देखो आप की कंपनी आज अच्छा खासा पर्फोमे कर रही है आप की सेल्स भी अच्छी आ रही है अच्छा बिज़नेस आप का हो रहा आज आप की कंपनी अच्छे लेवल पर जा रही है.
लेकिन इसको स्केल करने के लिए आप को नई स्ट्रेटेजी चाहिए आप की कंपनी में मैंने गैप पकड़ ली है.
क्या आप की कंपनी में गैप कहा पर और उस गैप को हमने पड़ल लिया अगर आप की कंपनी में वो ट्रेनिंग दे दी जो चाहिये तो आप की कंपनी में 20 से 25% की जो ग्रोथ आप की हो रही है 30% और उसमे ऐड कर लो अगर आप ने इस महीने काम किया 100 करोड़ अगले महीने आप की कंपनी 120 करोड़ का आल रेडी कर रही है धंधा 20 करोड़ बाद रहे है आप के.
तो अगर हमने ट्रैनिग दी आप को तो वो 20 करोड़ में 30 करोड़ और जोड़ जो तो आप की कंपनी हर बार मल्टिप्लाय करेगी तो कितना 50 % की हर बार आप का जो रेवेन्यू बढ़ेगा 30% तो मै आप को वादा कर रहा हु लेकिन ज्यादा ही बढ़ेगा लेकिन काम नहीं.
तो जो मैनेजिंग डायरेक्टर था तो वो दिमाग लगाया तो अभी हम कर रहे हैठीक 120 करोड़ का हम धंधा कर रहे है हर महीने जो हमारी कंपनी है 120 करोड़ का धंधा एक्स्ट्रा कर रही है अगर ये इंसान ट्रेनिंग दे देता है अगर हमारी कंपनी 30 करोड़ का धंधा करेगी तो ये अच्छी डील है.
तो मैनेजिंग दीरेक्टोर ने कहा ठीक है मुझे आप की डील मंजूर है लेकिन पैसे कितने चार्ज करोगे तो बिंद्रा जी ने कहा की 5 करोड़ लूंगा खाली मैनेजिंग डायरेक्टर ने जरा सोचा तो उसने कहा ठीक है यार भाई मै अगर 5 करोड़ दे भी रहा हु तो हर महीने 25% करोड़ आ भी रहा है और ऐसा नहीं है की एक ही बार आ रहे है वो हर महीने बढ़ता रहेगा बढ़ता रहेगा !
तो बिंद्रा जी की सफलता की कहानी ये है की उन्होंने 5 लाख की डील को 5 करोड़ में कन्वर्ट बिज़नेस की कुछ आईडिया होते है कुछ फंडामेंटल होते है.स्ट्रेटेजी होते है जो आप को कुछ फॉलो करना पड़ता है कुछ आप को दिमाग लगाने होते है.
और दिमाग बिंद्रा जी ने पहले से सिख लिया था क्यों की बुद्धिमान इतने है की इतने शार्पनेस है की किसी को भी समझा कर बता इतने प्यार से समझते थे की पहले भी जब वो इस्कॉन के अंदर थे वहा से वो इतने तगड़े फंडिंग लिया करते थे बहोत तगड़ी आज भी बिंद्रा जी के चर्चे वह आज भी है.
तो बिंद्रा की ने उसको समझाया बता ऑर्डर मैनेजिंग डायरेक्टर को बताने के बाद 5 लाख की डील को 5 करोड़ कर दिया जो 5 लाख की ट्रेनिंग दी उसको 5 करोड़ करोड़ कर दिया तो एक छोटी सी सफलता की कहानी एंटीएल स्टेज के अंदर आप खुद सोचो 5 लाख की डील को 5 करोड़ में कन्वर्ट करना कितना कितना कॉन्फिडेंस चाहिए बोलने के लिएवादा करने के लिए गैप को पकड़े के लिए.
तो बिंद्रा जी मै बुद्धि सीखता हु की इतनी खरनाख बुद्धि इतने शार्पनेस और इतने इन्टेलीगेंट के साथ किसी को बताते है और समझते है.
की किसी को भी समझकर उसको नेक्स्ट लेवल तक लेके जा सकते है.
इस कहानी को सुन्ने के बाद आप के रोंटे भी कड़े होंगे एक आप को जज्बा भी मिलेगा और हिम्मत भी मिलेगी की कभी भी जिंदगी में अपने जबान से पीछे नहीं हटना चाहिए.
चौथी कहानी बिंद्रा जी की –
एक बार क्या हुआ की बिंद्रा की का बुधवार को इनका इवेंट था बुधवार की शाम को ग़ज़िआबाद के अंदर अब बिंद्रा जी को क्या हुआ की सोमवार को सुबह उनकी मॉर्निंग में उनकी तबीयत ख़राब हो गई तो बिंद्रा जी डॉक्टर के पास गये तो बिंद्रा जी को डॉक्टर ने उनको एडमिट कर दिया एडमिट करना पड़ेगा आप की तबियत बहोत ज्यादा सीरियस है आप होस्पिटलिएज होना पड़ेगा तो बिंद्रा जी भर्ती हो गये वहा.
अब भर्ती होने के साथ साथ उन्होंने सोचा की ठीक है भाई मै शाम तक ठीक हो जाऊंगा तो शाम तक वो ठीक हुये नहीं उनकी तबियत और ज्यादा बिगड़ गई हाथ में ड्रिप लग गई और तबियत और ज्यादा ख़राब हो गई.
तो बिंद्रा जी ने सोचा नॉर्मल एसीडीटी की प्रॉब्लम है कल मॉर्निंग में ठीक हो जाऊंगा कल मॉर्निंग में मुझको डिस्चार्ज कर देंगे.
तो नेक्स्ट डे डॉक्टर जब आया तो चेकप किया तो डॉक्टर ने कहा जी हम आप को डिस्चार्ज नहीं कर सकते आप को और रुकना पड़ेगा शाम तक हम देखते है आप को शाम तक ठीक हो जाओगे तो हम आप डिस्चार्ज कर देंगे.
तो बिंद्रा जी ने सोचा यार अब मुझे बुधवार की शाम को ग़ज़िआबाद के अंदर मुझे इवेंट करना है अब मेरी तबियत ख़राब हो गई है.
तो उन्होंने कहा ठीक है शाम तक ठीक हो जाऊंगा तो आज वहा रुक जाता हु तो बिंद्रा जी रुक गये तो कोई बात नहीं तो शाम को डॉक्टर वापस आया तो उन्होंने कहा की जी नहीं हम आप को तो डिस्चार्ज नहीं कर सकते क्यों की आप की तबीतत तो बहोत जाता सीरियस हो गई है.
क्यों की कंडीशन ख़राब हो गई क्यों की हाथ में ड्रिप लग गई है तो बोड्डी बहोत ज्यादा लूज होने लग गई और एनर्जी और ख़तम होने लग गई तो बिंद्रा जी और ज्यादा परेशां होने लगे की अरे यार कल मेरा शाम को इवेंट है ग़ज़िआबाद में और आज में हॉस्पिटल के अंदर भर्ती हु मतलब जुबान खरब हो जाएगी और इज्जत खरब हो जाएगी और नाम बड़ा खरब हो जाएगा और आज तक जो मैंने मेहनतकर के नाम बनाया है वो खरब होना नहीं चाहिए !
तो नेक्स्टडे सुबह डॉक्टर जब आया तो डॉक्टर ने कहा की जी हम आप को आज भी डिस्चार्ज नहीं कर सकते क्यों की आप की हालत बहोत ज्यादा खरब है अगर आप इस सिचुएशन में आप बहार निकालेंगे आप की तबीयत और भी ज्यादा ख़राब हो सकता है की आप के जान को खतरा भी हो सकता है तो बिंद्रा जी ने कहा की ये तो बड़ी गड़बड़ भी हो सकता है.
अब शाम को इवेंट है 4 बजे अब बिंद्रा जी ने क्या किया डॉक्टर को क्या कहा डॉक्टर साहेब इधर आओ जी बताइये उन्होंने कहा की आप आप के हॉस्पिटल को बड़ा करना है जी क्यों नै बड़ा करना है बिंद्रा जी ने कहा की मै आप को बिलकुल फ्री नॉलेज दूंगा कंसल्टेंसी की आप को फ्री नॉलेज दूंगा की कैसे बिज़नेस को स्केल किया जाता है.
कैसे बिज़नेस को आगे बढ़ाया जाता है आप को फ्री दूंगा लेकिन ये मेरी शर्त है उन्होंने कहा जी क्या क्या शर्त है बताओ।
उन्होंने कहा देखो डॉक्टर सहाब मै आज शाम को मै आज 4 बजे ग़ज़िआबाद जाऊंगा 2 घंटे का मेरा इवेंट है मै 2 घंटे इवेंट करूँगा और वापस आ जाऊंगा और दुबारा से आप को मेरा जो ट्रीटमेंट करना है वो करना डॉक्टर ने मना कर दिया उन्होने कहा जी अगर आप को भेज दिया आज तो आप के जान पर भी आफत आ सकती है.
आप के जान पर भी ये जो गलती है वो भारी पड़ सकती है तो बिंद्रा जी ने कहा की कोई बात नहीं
मुझे आप हॉस्पटल से एम्बुलेंस में भेजवा दो मै 2 घंटे जेक इवेंट करूँगा और वापस आ जाऊंगा डॉक्टर ने माना नहीं पहले तो बड़ी मुश्किल से मनाया मनाया तो डॉक्टर मान गया.
डॉक्टर मान गया तो बिंद्रा जी को एम्बुलेंस में लेकर ग़ज़िआबाद गये ग़ज़िआबाद में बिंद्रा जी अपनी ड्रिप निकाली ड्रिप निकलने के बाद 2 घंटे का पॉवरफुल ससेशन दिया एनर्जी के साथ तबियत ख़राब होने के बावजूद उसके बाद वापस एम्बुलेंस में बैठकर वापस हॉस्पिटल में आये उसके बाद जब हॉस्पिटल में आये तो देखा की टीम के जो लोग थे वो हेक बके रहे गए की इतनी कमिटमेंट की इंसान जी जान पर बानी हुई है.
फिर भी इंसान जाकर के इवेंट कर रहा है फिर इंसान जेक भी बोल रहा है फिर भी इंसान जेक अपने कमिटमेंट पर खरा उतरा तो लोगो ने उनसे पूछा की बिंद्रा जी आप ने ऐसा क्यों किया की आप के जान पर भरी पड़ सकती थी फिर भी आप ने ऐसा किया क्यों
बिंद्रा जी की जो बात है बिंद्रा जी की जो लाइन है वो मै आप को बोलना चाहता हु इस लाइन को जरा ध्यान से पड़े
” बिंद्रा जी बोले मेरी तबियत तो दो तीन दिन बाद ठीक हो जाती लेकिन मेरी दी हुई जबान विश्वसनीयता जो मैंने आज इतने साल सालो तक बना कर रखी है वो हमेशा के लिए ख़त्म हो जाती. “
तो कभी भी अगर आप के मुँह से जो जुबान निकल गई तो उसे पुरे करने के लिए आप मेहनत करते हो तो आप के साथ जो बने हुये लोग है वो भी आप के ऊपर ट्रस्ट करते है उनकी भी एनर्जी बढ़ जाती है !
उस दिन से टीम की एनर्जी बिंद्रा जी के जितने भी टीम मेंबर थे उन सबकी एनर्जी हाई हुई और हाई होने के साथ साथ बहोत ज्यादा इन्स्परे हुये की लीडर ऐसा करना जनता है अगर हमारा लीडर इतना पैसिनेट है तो हमें भी काम और करेंगे तो उसी का रिजल्ट है आज देखने हो मिलता की बड़ा बिज़नेस डॉट कॉम 300% की हाई ग्रोथ रेट हासिल रही है !
हर बार 300% की ग्रोथ से आगे बढ़ती है और इंडिया के नंबर 1 एक ऐसी कंपनी है edtech इंडस्ट्रीस के अंदर जो हर बार 300% से आगे बढ़ रही है बिज़नेस filed के अंदर।
तो कभी अगर आप को लाइफ में कमिटमेंट हासिल करने करनी है जिंदगी में अगर आप को अपने आप को मजबूत बनाना है बिज़नेस हासिल करनी है तो अपने आप को कमीमेन्ट पे हमेशा खरा उतरे और अपने आप को हमेशा बिल्ड करे और अपने कमिटमेंट को कभी भी न छोड़े
क्यों की एक बार भरोषा टूट गया अगर ट्रस्ट टूट गया तो हमेशा के लिए ख़त्म हो जाता है और दुबारा से वो भरोषा और ट्रस्ट फिर कभी नही बन पाता है !
ये स्टोरी जब सुना रहा ये जो इस तरह का जो कुछ सुन रहा हु तो मेरे अंदर खुद से एनर्जी और खुद से आग लग रही है लेकिन मैं आपने आप को इतना ज्यादा कण्ट्रोल करके चल रहा हु !
क्यू मैं जो आप को बताना चाहता हु अगर आप बिंद्रा जी को सोचते हो की अरे बिंद्रा तो ऐसे ही गया होगा विवेक बिंद्रा ये जो स्टोरी जो आप को बता रहा हूँ ! रीयलिस्टिक है ये सच्चाई हैं ये सच हैं.
और इसको पढने के बाद जो एनर्जी आई मैं भी बिंद्रा जी के साथ एसोसिएट हुआ था और मैंने भी बिज़नेस की शुरुआत की थी.
मैंने भी इन्ही चीजों को फॉलो किया मैंने भी इनसे ही सीखा को स्ट्रगल करनी जरुरी है और लाइफ में स्ट्रगल नहीं करोगे तो लाइफ में कभी आगे नहीं बढ़ पाओगे !
आज मेरे बिज़नेस भी बहोत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है क्यों क्यों की मैं भी बिंद्रा जी से सीख रहा हु और लर्न कर रहा हूँ ! और Earn भी कर रहा हु और आगे बढ़ता जा रहा हूँ !
और उसके बाद जो नेक्स्ट कहानी सुनाने जा रहा हु बहोत फनी कही आप को बातो मजा आएगा ऐसे सुनकर।
बिंद्रा जी ने क्या किया था अपनी ग्लोबल एक्ट की शुरुआत की थी तो उस वक्त क्या थे अकेले थे अब ये सेल्स भी खुद देखते थे और फ़ॉलोअप भी देखते थे मार्केटिंग भी खुद देखते थे और कंटेंट खुद देखते थे और कस्टमर्स से जो पेमेंट और जो इनके क्लाइंट थे उनसे पेमेंट भी खुद किया करते थे।
तो बिंद्रा जी ने क्या किया की मेरे को थोड़ा सा प्रोफेशनल दिखना पड़ेगा तो अपनी कंपनी की साथ आठ ईमेल ईडी बना दी और अलग अलग ईमेल ईडी से अपने जो क्लाइंट थे उनको को मेल किया करते थे कभी सेल्स टीम बनकर कभी फॉलो अप टीम बनकर कभी कंटेंट टीम बनकर कभी पेमेंट की टीम बनकर उनसे बात किया करते थे.
सामने वाला का जो कस्टमर हुआ करता था उसके माइंड में बड़ा इम्प्रैशन पड़ता था की वो मतबल की इतनी बड़ी कंपनी है मतबल इतने डिपार्टमेंट एक साथ बात करते थे वह पर डिपार्टमेंट बात नहीं कर हुआ करते थे वहा पर पइंडीविद्यालय बिंद्रा जी खुद एक एक कर रिप्लाई दिया करते थे ईमेल ईडी पे उसे कस्टमर के दिमाग में एक अच्छा सिगनल जा रहा थी की कंपनी बड़ी है.
उसे होता क्या की अगर आप अकेले है इसका मतबल थोड़ी न की आप अकेले है अगर आप अकेले है तो अकेले भी शुरुआत कर सकतेहै
क्योंकी शुरुआत में आप को सारी चीजे खुद करनी होती है शटर उठाना भी खुद होता है और बंद करना होता है खुद टॉइलट भी साफ करना होता है खुद टंकी मै पानी भी डालना होता है क्यों की सारे काम इंडीविद्यालय एक टाइम में होक इंडेपेंडेंटली करना होता है तभी जाकर लाइफ में आप कामयाब होते हो क्यों की इंडेपेंडेन्सी मैंने बिंद्रा जी से खुद शिखी हैं !
इंडिपेंडेंट जितना ज्यादा हो सके खुद को उतना ज्यादा इंडिपेंडेंट बना.
पांचवी कहानी बिंद्रा जी की –
नेक्स्ट कहानी बड़ी फनी कहानी हैं बिंद्रा जी ने क्या किया 2013 में जब बिंद्रा जी जब अपने यूट्यूब चैनल शुरुआत की तो 2013 में ये तो क्या था की लोग हस्ते थे इनके ऊपर ये विवेक बिंद्रा जी को देखो खुद के विडिओ बना रहे है खुद के विडिओ डाल रहे हैं ! !
बिंद्रा जी के विडिओ को देखता नहीं है अपने विडिओ बना रहे है रिकॉर्ड करके डाल रहे है अपने विडिओ बना रहे है खुद रिकॉर्ड करके डाल रहे है !
अब बिंद्रा जी से बोलते थे अरे सर क्या कर रहे हो अपनी खुद की विडिओ बना रहे हो खुद की विडिओ डाल रहे हो बिंद्रा जी बोलते थे ठीक हैं मैं बना रहा हूँ कर रहा हु तो बिंद्रा जी के न इनके टीम मेंबर बड़ा मजाक उड़ाया करते थे !
अरे सर ये क्या कर रहे हो विडिओ आप के कोई देखता नहीं है खुदी विडिओ बना रहे हो खुदी डाल रहे हो !
तो एक दिन क्या हुआ हुआ बिंद्रा जी चिल्लाये इधर आओ आओ अब सारे लोग इधर आये भाग भाग कर की क्या हुआ सर क्या हुआ ये देखो तुम लोग बोल रहे थे न मेरे विडिओ को कोई देखता नहीं है पांच लोगो ने आज मेरी विडिओ देखि हैं !
तो टीम मेम्बर हसे और बोले अरे बिंद्रा जी ये विडिओ आप ने पांच बार देखि है ऐसी लिए ये पांच बार दिखा रही है
तो होता क्या है शुरुआत हमेशा जीरो से होती है मैंने भी जब शुरुआत किया था मैंने भी जीरो से शुरुआत किया था !
शुरुआत हमेशा जीरो से होती है लेकिन आज आप देख सकते हो की 20 मिलियन सब्सक्राइबर इंडिया का नंबर 1 यूटुब चैनल पुरे विश्व का नंबर 1 यूटुब चैनल जिसमे 20 मिलियन सब्सक्राइबर ऑन थ्रुनियरर्शिप का आज जो चैनल चल रहा हैं. उसके फॉउंडर है बिंद्रा जी
और बड़ा बिज़नेस डॉट कॉम जो 300% से ग्रोथ को हासिल कर रही है उस कंपनी के CEO हैं तो एक दिन में सब कुछ नहीं होता !
उस वक्त अगर वो डिमोटिवेट हो जाते उनके टीम मेम्बर की वजह से काम नहीं करते वेदिओस नहीं बनाते तो शायद आज वो शायद इंडिया में इतना बड़ा इम्पैक्ट क्रिएट नहीं करते लाखो लोगो को आज इतनी बड़ी एजुकेशन नहीं दे पाते इतने सस्ते और इतने काम प्राइस के अंदर
क्यों की बिंद्रा जिनका एक मोटिव है और साथ में मेरा भी ये मोटिव हैं की लाइफ में जितने भी हम वैल्यू दे सके हैं दे
कहते हैं वक्त लगता है सफलता में लेकिन ज्यादा वक्त नहीं लगता इसीलिए हमेशा कहते है कभी भी अगर आप को कोई डेमोटिवेट करे एक इंसान इतने स्ट्रगल करके आज यहाँ तक पहोच सकता है !
उन पांच विडिओ से आज 2 करोड़ का परिवार बना सकता है ! और आज 10 वर्ल्ड रिकॉर्ड बना सकता है आज इतने सारे सैकड़ो अवॉर्ड जित सकता है तो आप भी कर सकते हो मै भी कर सकता हूँ.और दुनिया में कोई भी कर सकता है !
Note –
कैसा लगा आपको डॉ विवेक बिंद्रा जी के 6 अनसुनी कहानियाँ के बारे में ! नीचे कमेंट करके जरूर बताएगा क्युकी आपके कमेंट से प्रोत्शहान मिलता है ! और अगर आपका कोई सवाल हो या कुछ और भी जानना चाहते है तो निचे कमेंट जरूर करे !
—– Thank u So Much ——-
Thank u so much sir aapne bahut acche tarike se dr. Vivek bindra sir ke un kahaniyo ke bare me bataya
Sach me kahu to sir dr vivek bindra sir ke in kahaniyo ke bare me pata hi nahi tha
Thank u sir
thank u so much maam aapne mera yah artical pada